women fire fighter
फायर ब्रिगेड को मिला वुमन पावर, अब आग बुझाती नजर आएंगी महिलाएं
Bhaskar News|Jun 11, 2014, 12:45PM IST
फायर ब्रिगेड को मिला वुमन पावर, अब आग बुझाती नजर आएंगी महिलाएं
सीकर.
शहर में आगजनी की घटनाओं को अब फायर वुमन कंट्रोल करती हुई नजर आएंगी। सीकर अग्निशमन कार्यालय को चार महिला फायर कर्मी मिली हैं। इन्होंने ज्वाइनिंग कर काम भी शुरू कर दिया है।
इनका कहना है महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। सरकार ने मौका दिया तो हमने भी इस और कदम बढ़ा दिए। फायर मैन की भर्ती में महिलाओं के पद आरक्षित करने के बाद महिलाओं में इसे लेकर होड़ मची हुई है। इससे पहले रोडवेज कंडक्टर में भी कुछ समय पहले ही महिलाओं ने काम शुरू किया है।
अग्निशमन कार्यालय सीकर को छह नए फायर कर्मी मिले हैं। पहले 16 का स्टाफ था। अब फायर मैन रणवीर, मनोज तथा चार महिलाओं को नियुक्ति मिलने के बाद 22 का स्टाफ हो गया है।
किसी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं महिलाएं
रींगस की बड़वाली ढाणी की सुमन कहती हैं कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। माता-पिता की प्रेरणा से पढ़ाई के लिए मनोबल बढ़ा। सुसराल में भी एजूकेशन का अच्छा माहौल रहा। इसलिए फायर डिप्लोमा किया। एजूकेशन से अनेक रास्ते खुलते हैं। इन्होंने बीएड की डिग्री भी ले रखी है।
नई पहचान के लिए चुनी यह नौकरी
शेखपुरा मोहल्ला निवासी जय कंवर के मुताबिक नई पहचान के लिए यह फील्ड चुना है। लड़कियां सेना, रोडवेज सहित कई ऐसे विभागों में काम कर रही हैं, जहां कुछ समय पहले तक पुरुषों को बोलबाला था। वह ग्रेजुएट हैं। पीहर में पढ़ाई के बाद ससुराल पक्ष ने नौकरी के लिए प्रोत्साहित किया।
ट्रेनिंग में काम किया, अब फील्ड देखेंगे
गीता देवी कहती है कि ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां महिलाएं काम नहीं कर सकती है। यह जरूर है कि नए फील्ड में कुछ चुनौतियां जरूर मिलती हैं। फायर फाइटिंग डिप्लोमा के वक्त इसके लिए मानसिक और शारीरिक तौर पर फिट हो जाते हैं। अब फील्ड में काम करेंगे।
कुछ अलग करने की ख्वाहिश ने मुकाम तक पहुंचाया
10वीं पास शेरपुरा गांव की रामेश्वरी कहती हैं। बचपन से कुछ अलग करने की इच्छा थी। इसलिए फायर फाइटिंग का डिप्लोमा किया। यहां भी मुश्किलें कम नहीं थी। क्योंकि प्रशिक्षण के वक्त महिलाओं की संख्या गिनती लायक रही। हिम्मत नहीं हारी। डिप्लोमा के बाद भर्ती खुली और पहले प्रयास में सफल हो गई।